Biology Mantra: लघुयुग्मकजनन तथा नर युग्मकोद्भिद(Microgametogenesis and Male gametophyte)

Tuesday, September 15, 2020

लघुयुग्मकजनन तथा नर युग्मकोद्भिद(Microgametogenesis and Male gametophyte)

लघुयुग्मकजनन तथा नर युग्मकोद्भिद(Microgametogenesis and Male gametophyte) 
पराग कोष में लघुबीजाणुजनन या कोशिकाओं के अर्धसूत्री विभाजन के बाद बने अगणित लघुबीजाणु या परागकण, नर युग्मकोद्भिद या गैमीटोफाइट की प्रथम संरचना है|
        परागकण, परागकोष से मुक्त होने से पूर्व ही अंकुरण करना शुरू कर देता है| इसका केंद्रक समसूत्री विभाजन द्वारा एक बड़े ट्यूब केंद्रक या कायिक केंद्रक तथा एक छोटे जनन केंद्रक में विभाजित हो जाता है| जनन केंद्रक लेंस के समान होता है और दोनों केंद्रक स्वतंत्र रूप से कोशिका द्रव्य में तैरते हैं| परागकण प्रायः इसी अवस्था में परागकोष से मुक्त होकर वर्तिकाग्र पर पहुंचते हैं| इसका और अधिक परिवर्धन वर्तिकाग्र पर पहुंचने पर ही होता है|
         जैसे-जैसे परागकण अंकुरण करता है, पराग नलिका किसी एक जनन छिद्र  को बेध कर बाहर आ जाती है| इसमें आगे की ओर ट्यूब केंद्र तथा पीछे की ओर जनन केंद्रक होता है| जनन केंद्र समसूत्री विभाजन द्वारा दो नर युग्मकों में विभाजित हो जाता है| जनन केंद्र के पुंयुग्मकों में विभाजन की क्रिया को शुक्रजनन कहते हैं| पुंयुग्मकों  के निर्माण के शीघ्र बाद ट्यूब (नलिका) केंद्रक  विलुप्त हो जाता है क्योंकि निषेचन में इसका कोई महत्व नहीं होता है| परागकण (लघुबीजाणु) और उसके अंकुरण से बनी  परागनलिका को नरयुग्मकोद्भिद या गैमीटोफाइट कहते हैं|

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